कहानी : " निःस्वार्थ सेवा "

एक व्यक्ति की दयालुता और सेवा भाव किसी के जीवन में चमत्कार कर सकता है। निःस्वार्थ सेवा से न केवल दूसरों की मदद होती है, बल्कि समाज में प्रेम और विश्वास का संचार भी होता है। दूसरों के दर्द को समझकर उनकी सहायता करना सच्चा मानवीय धर्म है।

STORY

Singh Rajneesh

12/5/20241 min read

दयालुता का महत्व

एक छोटे से शहर में एक अस्पताल था, जहाँ एक नर्स, आशा, काम करती थी। आशा बहुत दयालु और मेहनती थी। वह बच्चों से खास लगाव रखती थी।

एक दिन, एक गंभीर रूप से बीमार बच्चा अस्पताल में लाया गया। उसके माता-पिता बहुत चिंतित और हताश थे। आशा ने बच्चे की देखभाल पूरी आत्मीयता और स्नेह से की। वह उसे कहानियाँ सुनाती, उसके साथ खेलती और हर तरह से उसका मन बहलाने की कोशिश करती। धीरे-धीरे बच्चे की हालत सुधरने लगी।

जब बच्चा पूरी तरह ठीक हो गया, उसके माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने आशा का तहेदिल से आभार प्रकट किया। आशा मुस्कुराते हुए बोली, "मेरा काम ही दूसरों की मदद करना है। बच्चे की मुस्कान मेरी सबसे बड़ी खुशी है।"

नैतिक शिक्षा: "दयालुता और सेवा का भाव किसी की जिंदगी में उम्मीद की रोशनी बन सकता है ।"