कहानी : "आलस की सजा"
यह कहानी हमें सिखाती है कि भविष्य के लिए तैयारी और मेहनत करना अत्यंत वांछनीय है। केवल भाग्य या प्रकृति पर निर्भर रहना बुद्धिमानी नहीं है। सही समय पर किया गया परिश्रम विपरीत परिस्थितियों में भी मददगार साबित होता है। मेहनत का मूल्य समझकर हम अपने जीवन को सुरक्षित और सफल बना सकते हैं।
STORY


"चींटी और बकरी"
हरे-भरे मैदान में एक आलसी बकरी रहती थी, जिसे लगता था कि मौसम हमेशा उसके पक्ष में रहेगा। वह सोचती, "बादल तो हर बार समय पर बारिश देंगे, फिर मेहनत क्यों करनी?" दूसरी ओर, चींटी रोज़ अपने भोजन का भंडार भरने में लगी रहती। वह कहती, "मौसम का भरोसा नहीं, खुद मेहनत ही असली सहारा है।"
कुछ समय बाद, मौसम ने करवट बदली। इस बार बादलों ने धोखा दिया और बारिश नहीं हुई। घास सूखने लगी और बकरी भूख से तड़पने लगी। उसने चींटी से मदद मांगी। चींटी ने उसकी मदद की, लेकिन उसे समझाया, "कुदरत हमेशा मदद नहीं करती। हमें अपनी मेहनत से तैयारी करनी चाहिए।"
बकरी ने अपनी गलती समझ ली और वादा किया कि आगे से वह मेहनती बनेगी।
शिक्षा: भाग्य पर निर्भर रहने की बजाय, अपनी मेहनत से भविष्य को सुरक्षित बनाना
चाहिए।